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जल वायु विज्ञान की पुरी जानकारी, अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य एवं प्रमुख शाखाएँ, (Climotology)

 

   जल वायु विज्ञान     (Climotology)

आपका स्वागत हैं हमारे Website Rkstudy123.com मैं..!! इस पोस्ट जानेगें कि जलवायु विज्ञान क्या है, अर्थ, परिभाषा, जलवायु विज्ञान के प्रकार,  विषय वस्तु एवं प्रमुख शाखाएँ
 
"क्या आप जानते हैं"

⇒जल वायु विज्ञान का अर्थ (Meaning of climotology) :-   

                जल वायु विज्ञान अंग्रेजी शब्द क्लाइमेटोलॉजी का हिन्दी शब्द रूपान्तरण हैं|क्लाइमेटोलॉजी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द Klima एवं Logos से हुआ है| Klima का शाब्दिक अर्थ पृथ्वी विज्ञान के अध्ययन से है| वस्तुत: जलवायु विज्ञान वह विज्ञान है जो कि विभिन्न स्थानों पर जलवायु संबंधित दशाओं का अध्ययन करता हैं|
⇒जलवायु विज्ञान की परिभाषा :-

 क्रीचफील्ड के अनुसार  :-
                जलवायु विज्ञान वह विज्ञान है जिसकी अंतर्गत विभिन्न जलवायु की प्रकृति उनकी स्थानिक विभिन्नतों के कारणों एवं उनकी व्याख्या तथा प्राकृतिक पर्यावरण के अन्य तत्वों तथा मानवीय क्रियाओं के साथ संबंधों का अध्ययन किया जाता हैं|
             जलवायु विज्ञान भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण पृथ्वी अथवा किसी स्थान की जलवायु का अध्ययन किया जाता हैं|
जलवायु विज्ञान का विषय क्षेत्र :- 

         जलवायु विज्ञान को तीन शाखाओं में बॉंटा गया है ं|".   
1. भौतिक जलवायु विज्ञान
2. प्रादेशिक जलवायु विज्ञान
3. व्यावहारिक जलवायु विज्ञान

1. भौतिक जलवायु विज्ञान :-    
                    जलवायु विज्ञान की इस शाखा में भौतिक सिध्दांतों के सन्दर्भ में होने वाली मौसमीय प्रक्रियाओं के व्यवहार का अध्ययन किया जाता हैं| भौतिक जलवायु विज्ञान को गतिज जलवायु विज्ञान के नाम से भी जाना जाता हैं जिसके अंतर्गत ऊष्मा एवं ऊर्जा वायु संचार तथा आर्द्रता के स्थानन्तरण एवं आदान प्रदान में स्थानिय एवं कालिक विभिन्नताओं के कारणों की व्याख्या की जाती हैं|इसके अंतर्गत मौसम के विभिन्न तत्वों, जैसे सुर्याताप एवं ऊष्मा ऊर्जा, तापमान, वायुदाब, तथा पवन आर्द्रता, वाष्पीकरण, वर्षण, कुहरा, दृश्यता आदि का अध्ययन किया जाता हैं|

2. प्रादेशिक जलवायु विज्ञान :- 
                    इसके अंतर्गत विभिन्न आकार वाले क्षेत्रों में समान जलवायु दशाओं वाली विभिन्न प्रकार के जलवायु का अध्ययन किया जाता हैं| इन क्षेत्रीय इकाइयों का स्थानिक मापन भिन्न-भिन्न होता हैं| जैसे- ग्राम, नगर, वनक्षेत्र, मरूक्षेत्र, पर्वत, मैदान, देश और पुरे महाद्वीप तक जलवायु अध्ययन की क्षेत्रीय इकाई हो सकती हैं| इस प्रकार प्रादेशिक जलवायु विज्ञान का प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न मापक वाली क्षेत्रीय इकाइयों में जलवायु दशाओं में विभिन्नताओं का अध्ययन करना है| इसे तीन भागों में बॉंटा गया है ं|

1. सूक्ष्म स्तरीय जलवायु :- 
              अति लघु क्षेत्रीय इकाई जिसका क्षैतीज विस्तार एक मीटर से 100 मीटर तक लम्बवत् विस्तार धरातलीय सतह से 100 मीटर की वायुमंडल में ऊँचाई तक होता हैं| उस जलवायु को सूक्ष्म जलवायु कहते है| इसके अंतर्गत, तापमान, वायुदाब, आर्द्रता, वाष्पीकरण, वर्षण, वायुसंचार आदि शामिल है|

2. मध्य स्तरीय जलवायु :- 
                      मध्य स्तरीय जलवायु क्षेत्र में कई स्थानिय जलवायु क्षेत्र सम्मिलित होते हैं इसका क्षैतीज विस्तार 100 मीटर से 20 किलोमीटर होता हैं तथा ऊँचाई में यह भुतल से 6 किलोमीटर तक वायुमंडल में विस्तृत होता हैं|
उदाहरण :-  गंगा डेल्टा, सुन्दरवन, मध्य गंगा मैदान, रीवा पठार, गोदावरी डेल्टा, सरोवर क्षेत्र आदि|

3. वृहद स्तरीय जलवायु :-
                        वृहद स्तरीय जलवायु को भूजलवायु या भौगोलिक जलवायु के नाम से भी जाना जाता हैं| इस जलवायु का क्षेत्र अन्य जलवायु के क्षेत्रों से बहुत अधिक विस्तार होता हैं तथा ऊँचाई में भुतल से 6 किलोमिटर से अधिक विस्तार होता है| यह जलवायु, क्षेत्र इतना अधिक विस्तार है कि यह पुरे महाद्वीप या बड़ देश का प्रतिधित्व करता है|

3. व्यावहारिक जलवायु विज्ञान :-
                   व्यावहारिक जलवायु विज्ञान के अंतर्गत मानव क्रियाकलापों एवं समाज पर जलवायु के पड़ने वाले प्रभावों तथा मनुष्य की शारीरिक एवं मनोविज्ञान अनुक्रियाओं का अध्ययन किया जाता हैं| जलवायु एवं समाज तथा मानव क्रियाओं के मध्य सम्बधों में शामिल है- जलवायु एवं स्वस्थ्य जलवायु एवं संस्कृती तथा सभ्यता, जलवायु एवं गृहनिर्माण कला, जलवायु एवं नगर नियोजन, जलवायु एवं कृषि, जलवायु एवं उद्योग, जलवायु एवं पर्यटन, जलवायु एवं वाणिज्य आदि|

⇒जलवायु विज्ञान का उद्देश्य :- 

1. विभिन्न प्रकार की जलवायु की उत्पत्ति की प्रक्रिया का विश्लेषण करना|

2. मौसम एवं जलवायु के विभिन्न तत्वों एवं नियंत्रको का क्रमबद्ध अध्ययन करना|

3. विभिन्न प्रकार की जलवायु की पहचान वितरण तथा विशेषताओ का अध्ययन करना|

4. क्षैतीज एवं लम्बवत रूप में जलवायु में विभिन्नताओं के कारण एवं प्रक्रियाओं का अभिनिधार्रण करना|

5. मौसम एवं जलवायु के तत्वों के विभिन्न संयोजनों जिनके द्वारा विभिन्न प्रकार की जलवायु का अभिभाव होता है उसकी पहचान तथा विवेचना करना|

हमने यह जाना कि जलवायु विज्ञान क्या है, अर्थ, परिभाषा, जलवायु विज्ञान के प्रकार, एवं प्रमुख उद्देश्य आगेे हमलोग जानेगें...
⇒जलवायु विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ :-
 
 ⬇️ अधिक जानें के लिए यहाँ Click  करें

1. सुर्याताप

2. तापमान

3. वायुमंडलीय आद्रर्ता

4. वर्षा

5. पृथ्वी का ऊष्मा बजट

6. पृथ्वी पर जल चक्र

7. तापान्तर

8. वायुमंडलीय दाब

9. पवन

10. जेट - प्रवाह

11. वाताग्र

12. वायु राशि

13. चक्रवात

14. प्रति चक्रवात

15. कोपेन के अनुसार भारतीय जलवायु का वर्गीकरण

इस पोस्ट मे ं हमने जाना कि जलवायु विज्ञान क्या है, अर्थ, परिभाषा, जलवायु विज्ञान के प्रकार, उद्देश्य, विषय- वस्तु एवं प्रमुख शाखाएँ अगर आपको मेरे Blog में Article पसंद आये हैं तो Comment Section  मे आप  इस तरह के विषय से संबंधित  Article Comment कर सकते हैं...!!

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