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ब्रह्माण्ड (Univers) की पुरी जानकारी हिंदी में अध्धयन।

 ब्रह्माण्ड (Univers)



इस Post में जानेंगे कि ब्रह्माण्ड (Univers) में क्या है। ब्रह्माण्ड कितना बड़ा है और उसमें कितने मंदाकिनी (Galaxy) है। तो नीचे Contents में देख सकते है।


Table of contents

  1. ब्रह्माण्ड (Univers)
  2. ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति |
  3. मंदाकिनी (Galaxy)
  4. तारा (Star)
  5. तारामंडल (Taramandal)
  6. प्रकाश वर्ष (Light Year)
  7. कृष्ण विवर (Black Hole)
  8. ब्रह्माण्ड से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

ब्रह्माण्ड (Univers)
  • ब्रह्माण्ड से संबंधित अध्ययन को ब्रह्माण्ड विज्ञान (Cosmology) कहलाता हैं।
  • सूक्ष्मतम अणुओं से लेकर विशाल आकाशगंगाओं के सम्मिलित रूप को ब्रह्माण्ड कहा जाता है।
  • ब्रह्माण्ड का व्यास 10^3 प्रकाश वर्ष है।
  • ब्रह्माण्ड का आयु 13 बिलियन वर्ष है।
  • ब्रह्माण्ड में लगभग 100 अरब मंदाकिनी(Galaxy) है।
  • प्रत्येक Galaxy में 100 अरब तारा है।

ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति |
  • ब्रह्माण्ड का निर्माण   महाविस्फोट सिध्दांत (Big-Bang Theory) से हुआ है।
  • बिग-बैंग के सिध्दांत को   हवेल   ने बताया।
  • ब्रह्माण्ड में लगातार प्रसार की घटना बिग - बैंग कहलाती हैं।
  • ब्रह्माण्ड के रहस्य को जानने के लिए   30 मार्च 2010  को जेनेवा में पृथ्वी की सतह से 50 से 175 मीटर नीचे लगभग 27.36 किमी. लम्बे सुरंग में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर नामक महाप्रयोग किया गया।

मंदाकिनी (Galaxy)
  • तारों का ऐसा समुह जो, धुंधला सा दिखाई पड़ता है तथा जो तारा निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत का गैस पुंज है मंदाकिनी (Galaxy) या आकाशगंगा कहलाता हैं।
  • हमारी पृथ्वी की मंदाकिनी का नाम दुग्धमेखला या आकाशगंगा हैं। इसका 80% भाग बर्फीला (Sprial) है, जिसकी तीन भुजाएं हैं। सूर्य इनमें से दुसरी भुजा पर स्थित हैं।
  • इस मंदाकिनी को सबसे पहले गैलीलीयो ने देखा था।
  • आकाश गंगा के सबसे नजदीक मंदाकिनी को देवयानी कहते हैं।
  • ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला वामन आकाशगंगा (Dwarf Galaxy) नवीनतम ज्ञात आकाशगंगा हैं।
  • आरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा का सबसे शीतल और चमकीले तारों का समुह है।
  • निहारिका:- आकाशगंगा में स्थित निहारिका धुल और गैस के मेघ होते हैं यदि गैस उद्दीप्त होती हैं अथवा मेघ सीधे प्रतिबिंबित होती है अथवा अधिक दुरी की वस्तुओं से प्रकाश ढक जाता है, तब निहारिका दिखाई देती हैं।

तारा (Star)
  • तारे उष्ण चमकती हुई गैस के भाग होते हैं, जो निहारिकाओं से उत्पन्न होते है। ये आकार, द्रव्यमान और तापमान में सूर्य से व्यास में 450 गुना छोटे से 1000 गुना बड़े तक होते हैं।
  • तारों में पाई जाने वाली गैसों में हाइड्रोजन 71%, हीलियम 26.5%, तथा अन्य तत्व 2.5%, होते हैं।
  • तारों में हाइड्रोजन व हीलियम में संलयन की प्रक्रिया पाई जाती हैं।
  • तारा का निर्माण हाइड्रोजन एवं हीलियम गैसों से होता है।
  • सभी तारे अपने क्रोड में नाभिकीय संलयन अभिक्रिया होने के कारण ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
  • ब्रह्माण्ड का सबसे बड़ा तारा स्पाइनल ओरेगी है।
  • ब्रह्माण्ड में विस्फोटी तारा अभिनव तारा कहलाता हैं।
  • किसी तारे की जीवन अवधि उसके आकार पर निर्भर करती है।
  • पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा सूर्य है।
  • साइरस पृथ्वी से देखा जाने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है।
  • सबसे चमकीले तारें साइरस की पृथ्वी से दुरी करीब 8.7 प्रकाश वर्ष है।

तारामंडल (Taramandal)
  •  को तारामंडल कहते है।
  • तारों के समुह जो अलग - अलग प्रकार की आकृति बनाते है, तारामंडल कहलाते हैं।
  • तारामंडलो की कुल संख्या 89 हैं।
  • सबसे बड़ा तारामंडल हाइड्रा हैं।
  • "तारामंडल" को संस्कृत में "नक्षत्र" कहते हैं।

प्रकाश वर्ष (Light Year)
  • प्रकाश -वर्ष दुरी का मात्रक है।
  • 1 प्रकाश - वर्ष वह दुरी है जो कि प्रकाश 'रिक्त स्थान (निर्वात में) में, 1 वर्ष में तय करता है।
  • 1 वर्ष में= 365×24×60×60= 31536000 सेकण्ड होते है।
  • प्रकाश - वर्ष  1 सेकण्ड में 3.0×10^8 मीटर (3 लाख km. दुरी तय करता है।
  • 1 प्रकाश - वर्ष = (3.0× 108 मीटर / सेकण्ड ) × (365×24×60×60s)
  • 9.46×10^15 मीटर

पारसेक (Parsec)
  • पारसेक (Parsec) खगोलीय दुरी का मात्रक होता है।
  • पारसेक को Pc द्वारा प्रदर्शित करता है।
  • एक पारसेक पृथ्वी से किसी खगोलीय पिंड की वह दुरी होती है जब वह पिण्ड एक आर्कसैकिण्ड के दिग्भेद कोण पर होता है।
  • 1 पारसैक = 3.08×10^15 मीटर = 3.262 प्रकाश वर्ष

कृष्ण विवर (BLACK HOLE) 
  • जब किसी तारे का अंत होता है तो उसका भार तीन गुना अधिक हो जाता है। निपात होने के साथ ही यह इतना सघन हो जाता है कि प्रकाश भी इसके गुरूत्व से निकल नहीं पाता; यह अंधक्षेत्र हो, इसे देखा नहीं जा सकता। इसे कृष्ण विवर या ब्लैक होल कहते हैं।
  • ब्लैक होल या कृष्ण छिन्द्र अंनत रूप से सघन पिण्ड है।
  • अमेरिका के जाॅन व्हीलन ने 1967 में सर्वप्रथम ब्लैक होल शब्द का प्रयोग किया था।

ब्रह्माण्ड से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :-
  • लाल दानव :- ये मृत्योन्मुख तारे होते है। जब किसी तारे में हाइड्रोजन घटने लगती है, तो उनमें लालिमा दिखने लगती है।
  • वामन तारे :-  जिन तारों का प्रकाश सूर्य के प्रकाश से कम होता है, वे वामन तारे कहलाते है।
  • नोवा तारा :- यह अत्याधिक चमक के साथ अचानक दिखाई देता है तथा बाद में अपने मूल स्तर पर वापस मंद पड़ जाता है। इसको नोवा तारा कहते है।
  • सुपरनोवा :- 20 से अधिक मैग्नीट्यूड वाले तारे को सुपरनोवा कहते है।
  • सुपरनोवा एक मृतप्राय तारा है।
  • बहुल तारे :- दो से अधिक तारों का निकाय बहुल तारा कहलाता है।
  • सप्तीर्ष :- सप्तीर्ष सात तारों का समुह है। यह आकाश में उत्तर की और दिखाई देते हैं।
  • पल्सर :- घूमते हुए न्यूट्राॅन तारे को कहते है, जो विधुत चूम्बकीय तरंगे छोड़ते हैं।
  • ध्रुव तारा :- प्राचीन काल में लोग तारे को देखकर दिशा का ज्ञान प्राप्त करते थे। ध्रुव एक तारा है, जो ठीक पृथ्वी के उत्तर में है। यह पृथ्वी से 47 प्रकाश वर्ष दूर हैं।

इस Post से हमने जाना कि। ब्रह्माण्ड (Univers) में क्या है। ब्रह्माण्ड कितना बड़ा है और उसमें कितने मंदाकिनी (Galaxy) है।   अगर आपको मेरे Blog में Article पसंद आये है तो Comment Section में आप इस तरह के विषय से संबंधित Article Comment कर सकते हैं...!!
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