सौरमंडल (Solar System)
इस Article में अध्धयन करेगें सौरमंडल (Solar System) In Hindi, सौरमंडल क्या है? Solar System All Notes in hindi तो आइऐ जानते है -
सौरमंडल (Solar System)
- सूर्य के चारों और चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों, क्षुद्रग्रहों, धुमकेतुओं, उल्काओं तथा अन्य आकाशीय पिंडों के समुह को सौरमंडल Solar System कहते हैं।
- सूर्य सौरमंडल का प्रधान होता है।
- सौरमंडल के पूरे ऊर्जा का स्रोत सूर्य है।
- सौरमंडल की खोज काॅपरनिक्स ने की थी।
- ग्रहों की गति का नियम केप्लर ने प्रतिपादित किया था।
- सौरमंडल के सारे पिंड गुरुत्वाकर्षण के कारण आपस में बंधे हुए हैं।
- आकाशीय पिंडों का अध्ययन खगोलशास्त्र (Astronomy) कहलाता है।
सूर्य (Sun)
- सूर्य एक तारा है तथा सौरमंडल का मुखिया हैं।
- सूर्य एक गैसीय गोला है, जिसमें हाइड्रोजन 71%, हीलियम 26.5%, व अन्य तत्व 2.5% है।
- सूर्य ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन है।
- सूर्य का वह भाग जो हमें दिखाई देता है, फोटोस्पियर (प्रकाश मंडल) कहलाता है।
- प्रकाश मंडल के किनारे प्रकाश मान नहीं होता है क्योंकि सूर्य का वायुमंडल प्रकाश का अवशोषण कर लेता है। इसे वर्ण मंडल कहते है। यह लाल रंग का होता है।
- सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के दिखाई देने वाले भाग को सूर्य - किरीट (कोरोना) कहते है। सूर्य - किरीट X- किरणें उत्सर्जित करता है इसे सूर्य का मुकुट कहते हैं।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय सूर्य किरीट से प्रकाश की प्राप्ति होती है।
- सूर्य का केन्द्रीय भाग क्रोड कहलाता है जिसका तापमान 1.5×10^7 डिग्री सेल्सियस होता है।
- सूर्य की बाहरी सतह का तापमान 6000°C होता है।
- सूर्य की उम्र 5 बिलियन वर्ष है। भविष्य में सूर्य द्वारा ऊर्जा देते रहने का समय 10^11 वर्ष है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 16.6 सेकण्ड लगते है।
- सौर ऊर्जा को उत्तरी ध्रुव पर औरोरा बोरियालिस व दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा आस्ट्रेलिस कहते है।
- सूर्य हमारी मंदाकिनी (Galaxy) दुग्धमेखला (Milky way) के केन्द्र से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष की दुरी पर स्थित है। यह हमारी मंदाकिनी के केन्द्र के चारों और 250 km/s की गति से परिक्रमा कर रहा है।
- इसको मंदाकिनी की परिक्रमा करने में 25 करोड़ वर्ष लगते है, जिसे ब्रह्माण्ड वर्ष कहते हैं।
- सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घुमता है।
- सूर्य का व्यास 13,92,000 किमी. हैं।
ग्रह (Planet)
- ग्रह उन खगोलीय पिंडों को कहा जाता है जो एक निश्चित मार्ग पर सूर्य के चारों और परिक्रमा करते हैं।
- ग्रह वह खगोलीय पिंड हैं जो निम्न शर्त्तो को पूरा करता है -
- जो सूर्य के चारों और परिक्रमा करता है।
- उसमें पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बल हो जिसमें से वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सकें।
- उसके आस - पास का क्षेत्र साफ हो यानि उसके आस - पास अन्य खगोलीय पिंडों की भीड़ - भाड़ न हो।
- सौरमंडल में ग्रहों की संख्या 8 है।
- ग्रहों को दो भागों में विभाजित किया गया है -
- पार्थिव या आन्तरिक ग्रह (Terrestrial or Inner Planet):- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल को पार्थिव ग्रह कहा जाता है। क्योंकि ये पृथ्वी के सदृश होते है।
- बृहस्पतीय या ब्राह्म ग्रह (Jovean or Outer Planet):- बृहस्पति, शनि, अरूण, वरूण को बृहस्पति या ब्राह्म ग्रह कहा जाता है।
- बृहस्पति, शनि, अरूण, व वरूण को आकार में बड़े होने के कारण इन्हें ग्रेट प्लेनेट्स (Great Planets) भी कहा जाता है।
- सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति और सबसे छोटा ग्रह बुध है।
- सूर्य से ग्रहों की दूरी का क्रम में:- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरूण, वरूण।
- ग्रहों का आकार घटते क्रम में:- बृहस्पति, शनि, अरूण, वरूण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, बुध।
- सभी ग्रहों के पास अपना उपग्रह है परन्तु बुध और शुक्र के पास कोई उपग्रह नहीं है।
- सभी ग्रह सूर्य के पश्चिम से पूर्व की और परिक्रमा करते हैं, लेकिन शुक्र और अरूण इसके विपरित परिक्रमा करते हैं पूर्व से पश्चिम।
- ग्रहों के पास ऊष्मा एवं प्रकाश नहीं होता बल्कि यह सूर्य के प्रकाश से चमकते हैं और ऊर्जा प्राप्त करते है।
- सूर्य के समीप के चार ग्रह अपेक्षाकृत अधिक हैं।
- वही शेष चार ग्रह हल्के पदार्थों के बने हुए है तथा इनका घनत्व कम है तथा अपेक्षाकृत काफी बड़े है।
बुध (Marcury)
- यह सूर्य का सबसे नजदीक ग्रह है। (सूर्य के सबसे करीब होने के बावजूद भी यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह नहीं है।
- यह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और इसके पास अपना कोई उपग्रह नहीं है। परन्तु इसका अपना चुम्बकीय क्षेत्र हैं।
- सूर्य के सबसे निकट होने के कारण यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय (88 दिन) में कर लेता है।
- यह ग्रह दिन में अत्यधिक गर्म और रात में अत्यधिक ठंडा होता है।
- इसका तापान्तर सबसे अधिक होता है।
- इस ग्रह पर कैलोरिस बेसिन पाया जाता है।
- सूर्य निकलने के दो घंटे पहले दिखाई पड़ता है।
- बुध ग्रह का क्रोड लोहा का बना हुआ हैं।
शुक्र (Venus)
- यह पृथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह है।
- यह घनत्व, आकार और व्यास में पृथ्वी से काफ़ी समानता रखता है इसलिए इसे पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है।
- यह सबसे चमकीला ग्रह है तथा यह सबसे गर्म ग्रह है।
- इसे सांझ का तारा व भोर का तारा कहा जाता है। क्योंकि यह शाम को पश्चिम में तथा सुबह को पूर्व दिशा में दिखाई देता है।
- बुध तथा शुक्र ऐसे ग्रह है जिनका कोई उपग्रह नहीं है।
- यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घुमता है।
- यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में पुरी करता है। अर्थात यह सौरमंडल का सबसे अधिक कक्षीय गति वाला ग्रह है।
- इस ग्रह के वायुमंडल में लगभग 95% कार्बन डाइऑक्साइड Co2 की मात्रा है तथा 3.5% भाग नाइट्रोजन का है।
पृथ्वी (Earth)
- पृथ्वी आकार में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.1/2% पर झुकी हुई है।
- पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है। इसका एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।
- इसका विषुवतीय व्यास 12,756 किमी. व ध्रुवीय व्यास 12,714 किमी. है।
- पृथ्वी का विषुवतीय व्यास ध्रुवीय व्यास से 12 किमी. ज्यादा है।
- पृथ्वी का पहला पड़ोसी ग्रह शुक्र तथा दुसरा पड़ोसी ग्रह मंगल है।
- पृथ्वी सौरमंडल का अकेला ऐसा ग्रह है जहां जीवन है।
- आकार तथा बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है।
- जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
- इसका अक्ष अपनी कक्षा के सापेक्ष 66.1/2° का कोण बनाता है।
- यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की और 1610 किमी. की चाल से 23 घण्टे 56 मिनट 4 सैकण्ड में पुरा चक्कर लगाती है, इसे घूर्णन व दैनिक गति भी कहते है।
- पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घण्टे 48 मिनट 46 सैकण्ड (लगभग 365 दिन 6 घंटे) का समय लगता है। परिक्रमा करने में लगे समय को ही सौर वर्ष कहा जाता है।
- वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर ऋतु (मौसम) परिवर्तन होती है तथा दिन रात का छोटा बड़ा होना भी यही कारण है।
- सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे निकट का तारा प्राॅक्सिमा सेन्चूरी है, जो अल्का सेन्चूरी समुह का एक तारा है, जो पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दुरी पर स्थित है।
- साइरस या डाॅगस्टार पृथ्वी से 9 प्रकाश वर्ष दूर है। यह सूर्य से 2 गुने द्रव्यमान वाला तारा है यह रात्रि में सर्वाधिक चमकता है।
- एक जीवनधारी के रूप में पृथ्वी का वैज्ञानिक नाम ग्रीन प्लैनेट है।
- पृथ्वी की आयु का आकलन यूरेनियम डेटिंग से निकला है।
मंगल (Mars)
- इसे लाल ग्रह कहा जाता है। इसका लाल रंग आयरन आक्साइड के कारण है।
- यहां पृथ्वी के समान दो ध्रुव है, जिसके कारण यहां पृथ्वी के समान ऋतु परिवर्तन होता है।
- यह अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर लगाता है।
- इस ग्रह के पास दो उपग्रह है जिन्हें डिमोस और फोबोस कहते हैं। डिमोस सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है।
- मंगल ग्रह के वातावरण में 95.32% कार्बन डाइऑक्साइड, 1.93% आर्गन, 0.13% नाइट्रोजन मौजूद है।
- सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी तथा सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलम्पिक मंगल ग्रह पर हैं।
- सूर्य की परिक्रमा करने में इसको 687 दिन लगते हैं।
वृहस्पति (Jupiter)
- यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह पीला रंग का ग्रह है।
- वृहस्पति के उपग्रहों की संख्या 79 उपग्रह है। सौरमंडल में सबसे ज्यादा उपग्रह की संख्या वृहस्पति के पास है।
- वृहस्पति का सबसे बड़ा उपग्रह गैनिमीड है।
- गैनिमीड सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
- इसे अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में सबसे कम समय लगता है इसको 10 घंटे लगते हैं।
- सूर्य का एक चक्कर लगाने में 12 वर्षो का समय लगता है।
शनि (Saturn)
- यह आकार में सौरमंडल का दुसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- यह आकार में पीले रंग के तारे के समान नजर आता है।
- शनि के चारों ओर वलय (मोटी प्रकाश वाली कुण्डली) है। जिसकी संख्या 7 है।
- शनि के उपग्रहों की संख्या 62 है। जिनमें फीबे नाम का उपग्रह इसके अन्य उपग्रहों के संचरण के विपरित दिशा में घूमता है।
- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टिटाॅन (Titan) है। जो आकार में बुध के बराबर है।
- टाईटन शनि का उपग्रह है जो सौरमंडल का दुसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।
- टाईटन शनि पर पृथ्वी के समान वायुमंडल है।
अरूण (Uranus)
- इसकी खोज 1781 ई. में विलियम हर्शेल द्वारा की गयी थी, यह सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- इसके चारों ओर 9 वलय है।
- यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घुमता है जिसके कारण यहां सूर्योदय पश्चिम में और सूर्यास्त पूर्व में होता है।
- इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि यह अपनी धुरी पर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा प्रतीत होता है।
- इसके 27 उपग्रह है जिनमें सबसे बड़ा टाइटेनिय है।
वरूण (Neptune)
- यह सूर्य से सबसे दुर स्थित ग्रह है।
- इसकी खोज 1846 ई. में जर्मन खगोल शास्त्री जहान गाले द्वारा की गयी।
- इसे हरे रंग का ग्रह कहा जाता है।
- इस ग्रह के चारों ओर मिथेन गैस का बादल छाया हुआ है। इसके कारण यह अति शीतल ग्रह है।
- इसके कुल 13 उपग्रह है जिनमें सबसे बड़ा ट्रिटाॅन हैं।
उपग्रह (Satelite)
- वे पिंड जो गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगाते है या परिक्रमा करते रहते हैं ये पिण्ड प्राकृतिक भी हो सकते हैं या कृत्रिम भी।
- उपग्रह ग्रह की परिक्रमा करने वाले आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं।
- उपग्रह दो प्रकार के होते है -
- प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satelite)
- कृत्रिम उपग्रह (Artificial Satelite)
- उपग्रह (Natural Satelite):- वे पिण्ड जो प्राकृति द्वारा निर्मित होता है और ग्रहों के चारों ओर परिक्रमा करते रहते हैं, उन्हें प्राकृतिक उपग्रह कहते हैं।
- जैसे:- चन्द्रमा, गैनिमीड, डिमोस, फोबोस, टिटाॅन
2. कृत्रिम उपग्रह (Artificial Satelite):- वे पिण्ड जो मानव निर्मित है और ग्रहों के चारों ओर परिक्रमा करते रहते है उन्हें कृत्रिम उपग्रह कहते हैं।
- जैसे:- आर्यभट्ट, रोहिणी, स्पुतनिक।
- विश्व का सबसे बड़ा कृत्रिम उपग्रह स्पुतनिक था।
चन्द्रमा (Moon)
- चन्द्रमा की सतह व उस की अतिरिक्त स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान - सेलेनोलाॅजी कहलाता है।
- चन्द्रमा पर धुल के मैदान को शान्ति सागर कहते हैं। यह चन्द्रमा का पिछला भाग है जिस पर अंधेरा रहता है।
- चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित लीबनिट्स पर्वत चन्द्रमा का सबसे ऊंचा पर्वत है। (35,000 फीट)
- चन्द्रमा को जीवाश्म ग्रह भी कहा जाता है।
- सूर्य के संदर्भ में चन्द्रमा की परिक्रमा की अवधि 29.53 दिन (29 दिन 12 घंटे 44 मिनट 2.8 सेकण्ड)होती है, इस समय को एक चन्द्रमास या साइनोडिक मास कहते हैं।
- पृथ्वी से चन्द्रमा के 57% भाग को देख सकते हैं।
- चन्द्रमा व पृथ्वी के बीच की औसतन दुरी 3,84,365 किमी. है।
- चन्द्रमा के अपने अक्ष पर घुर्णन की अवधि पृथ्वी के चारों तरफ इसके परिक्रमण की अवधि के बराबर है। इसलिए हम चन्द्रमा को केवल एक तरफ को ही देख सकते है।
- चन्द्रमा की सतह पर कदम रखने वाला प्रथम व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग था।
- अपोलो -11 अंतरिक्षयान द्वारा 1969 ई. में चन्द्रमा पर कदम रखा।
- चन्द्रमा व पृथ्वी के बीच की औसतन दुरी 3,84,365 किमी. है।
- चन्द्रमा का अक्ष तल पृथ्वी के अक्ष के साथ 58.48° का कोण बनाता है।
- चन्द्रमा सूर्य की परिक्रमा लगभग 27 दिन 8 घंटे में पूरी करता है इस समय को एक चन्द्रमास या साइनोडिक मास कहते हैं।
- चन्द्रमा पृथ्वी के अक्ष के लगभग समान्तर है। इसका परिक्रमा पथ भी दीर्घ वृत्ताकार है।
- अपोलो यान के अंतरिक्ष यात्रीयों द्वारा चन्द्रमा की चट्टानों का कुछ भाग लाया गया जिससे यह पता चलता है कि चन्द्रमा भी उतना पुराना है जितना की पृथ्वी (460 करोड़ वर्ष) इन चट्टानों में टाइटेनियम धातु अधिक मात्रा में है।
- चन्द्रमा का व्यास 3480 किमी. तथा द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/81 हैं।
सुपर मून (Super Moon)
- जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है तो उस स्थिति को सुपर मून कहते है। इसे पेरिजी फुल मून भी कहते हैं।
- इसमें चन्द्रमा 14% ज्यादा बड़ा और 30% अधिक चमकीला होता है।
ब्लु मून (Blue Moon)
- एक कैलेंडर मास में दो पूर्णिमा हो तो दुसरी पूर्णिमा का चन्द्रमा ब्लु मून कहलाता है।
- इसका मुख्य कारण दो पूर्णिमाओं के बीच 31 दिनों से कम का अन्तराल होना है। ऐसा 2-3 साल पर होता है।
बौने ग्रह
- जो ग्रह कहलाने के मानदंड पर खड़े होते, वे बौने ग्रह कहलाता है।
- ये निम्नलिखित है - यम, सेरस, चेराॅन, तथा इरिस।
क्षुद्र ग्रह
- मंगल व वृहस्पति की कक्षाओं के बीच कुछ छोटे-छोटे आकाशीय पिंड हैं, जो सूर्य की परिक्रमा कर रहे है। उसे क्षुद्रग्रह कहते हैं।
- क्षुद्र ग्रह जब पृथ्वी से टकराता है तो पृथ्वी की पृष्ठ पर विशाल गर्त बनता है। लोनार झील (महाराष्ट्र) इसका उदाहरण है।
- फोर वेस्टा एक मात्र क्षुद्र ग्रह है जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है।
धूमकेतु
- सौरमंडल के क्षोर पर बहुत ही छोटे-छोटे अरबों पिंड मौजूद है, जो धूमकेतु या पुच्छल तारे कहलाते हैं।
- धूमकेतु की पूछ हमेशा सूर्य से दूर होती हुई देती है।
- हैले नामक धूमकेतु 76 वर्षों बाद दिखाई देता है यह अंतिम बार 1986 में दिखाई दिया था। अगली बार यह 2062 में दिखाई देगा।
इस Post से हमने जाना कि सौरमंडल (Solar System) In Hindi, सौरमंडल क्या है? Solar System All Notes in hindi। अगर आपको मेरे Article पसंद आए है तो में आपको इस तरह के विषय से संबंधित Article Comment कर सकते हैं...!!
धन्यवाद आपने हमारे Post को पढ़ने में समय निकाला...!!
Thank you so much
Welcome My
Rkstudy123.blogspot.com
thanks for feedback