इस लेख में अधयन करेगें झारखंड के प्रसिद्ध जिले खूंटी को विस्तार से बताया गया है।। Khunti District of Jharkhand in Hindi !! तो आइए जानते हैं -
*खूंटी जिले के बारे में :- (About Khunti District )
खूंटी जिला रांची को विभाजित करके बनाया गया 23वां नया जिला है।
दक्षिण छोटा नागपुर प्रमंडल का हिस्सा खूंटी 12 सितंबर 2007 को 6 व्लाॅक के साथ नया जिला बना है और राज्य की राजधानी, रांची से 40 किमी. की दुरी पर अवस्थित हैं।
झारखंड राज्य का जिला खूंटी दक्षिण छोटा नागपुर डिवीजन में है और राज्य के चौबीस जिलों में से एक हैं।
यहां पर पुरूषों की आबादी 52 प्रतिशत और महिलाओं की 48 प्रतिशत है।
इस जिले की औसत साक्षरता दर 69 प्रतिशत है।
यहां पुरुष साक्षरता 75 प्रतिशत और महिला साक्षरता 61 प्रतिशत है।
खूंटी जिले को मुख्यतया बिरसा आंदोलन की गतिविधि के केंद्र के रूप में जाना जाता है।
इस जिले में एक गांव है उलीहातू, जो झारखंड के' धरती आबा' बिरसा मुंडा का पैतृक गांव है।
यहां पर एक सिविल अस्पताल भी है, जिसमें जिले के रोगियों का इलाज किया जाता है।
खूंटी जिला झारखंड के'अन्य जिलों की तरह ही आपसी सौहार्द और सहृदयता के लिए जाना जाता है।
इस जिले में अधिकांश जनजातियां निवास करती हैं।
ये पर्यावरण की रक्षा करने में सबसे आगे रहती हैं।
- उन्हें अपने जीवन की जरूरतों के लिए बेहद संघर्ष और मेहनत करनी पड़ती है।
- यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती करना ही है।
- ये लोग धान, मडुवा, उरद, सरगुजा आदि खरीफ फसलों की खेती करते हैं।
- इसके साथ ही लाख की भी खेती बेर एवं कुसुम के पेड़ में की जाती है।
- खूंटी जिला झारखंड में सबसे अधिक लाख की खेती करने के लिए प्रसिद्ध है।
- लाह एक प्राकृतिक पाॅलीमर यानी कि रेसिन है, जो एक छोटे से कीड़े केरिया लाक्का या केर्र से प्राप्त किया जाता है।
- इस कीड़े को मुख्यत: इसी कार्य के लिए पलाश, कुसुम और बेर की डाली पर पाला पोसा जाता है।
- यह खेती इस जिले के लोगों के लिए कमाई का बहुत अच्छा जरिया है।
- खूंटी पंचायत में कुल 12 प्रखंड हैं।
- खूंटी जिले में कई जातियों, पंथों और संप्रदायों के लोगों का घर है।
- यहां पर ये लोग त्योहारों को भी बड़ी धूमधाम से नाचते गाते हुए मनाते हैं।
- कई स्थानीय त्योहार जैसे फाल्गुन, सरहुल, दसैन, टुसू, करम आदि के समय ये नृत्य करते हैं।
- यहां पर घुमाने के लिए भी अच्छे स्थान है।
- यहां पर पंचघाघ प्रपात है।
- यह खूंटी - चाईबासा के रास्ते में खूंटी से लगभग 15 कि.मी. दुर पड़ता है।
- यहां पांच झरने ऊंचे स्थानों से निकलते हैं।
- यहां पर पर्यटक झरने के पानी में मस्ती से स्नान करते हैं।
- यहां पर डियर पार्क भी है। डियर पार्क में बच्चों के लिए कई उद्यान और खेलने के लिए पार्क हैं।
- यहां का मुख्य आकर्षण यहांपार्क सफारी है।
- खूंटी के पास ही अंगराबाडी़ मंदिर भी बेहद प्रसिद्ध है।
- इस मंदिर का नाम ऋषि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा बदलकर ' अमरेश्वर धाम ' कर दिया गया है।
- यहां का सेंट माइकल चर्च भी बहुत प्रसिद्ध है।
- खूंटी जिला झारखंड के मुख्य जिलों में से एक है।
FAQs Pages (Q & A)
Q1. खूंटी जिला का क्षेत्रफल कितना है?
Ans - 2611 Sq Km
Q2. खूंटी जिला का जनसंख्या कितनी है?
उत्तर - 5,31,885
Q3. जिला का जनसंख्या घनत्व कितना है?
उत्तर - 215 Per Sq Km
Q4. जिला का जनसंख्या साक्षरता दर कितनी है?
उत्तर - 64.51%
Q5. खूंटी जिले का भाषा क्या है?
उत्तर - नागपूरी, मुंडारी
Q6. खूंटी जिले के कुल गांव कितने है?
उत्तर - 756
Q7. जिला में पुरुषों की जनसंख्या कितनी है?
उत्तर - 2,67,525
Q8. जिला में महिला की जनसंख्या कितनी है?
उत्तर - 2,64,361
खूंटी जिले का इतिहास :-(History of Khunti District)
- खूंटी संघर्ष और विद्रोह का पययि बन गया है क्योंकि यह ऐतिहासिक रूप से 1875 में प्रसिद्ध बिरसा आंदोलन के दौरान गतिविधि का केंद्र था।
- रांची जिला चार प्रशासनिक अनुमंडल में विभाजित किया गया था, जैसे सदर, गुमला (1902), खूंटी (1905), और सिमडेगा (1915), झारखंड के क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के नेतृत्व में ब्रिटिशों के खिलाफ लंबे समय से किए गए संघर्ष के लिए यह जगह इतिहास में दर्ज की गई है।
- खूंटी झारखंड क्षेत्र के लाख उत्पादक के रूप में प्रसिद्ध है।
- इस स्थान पर भारत की कुल लाखों का एक बड़ा हिस्सा बनाया गया है।
- एलएसी एक प्राकृतिक बहुलक (राल) है जिसे केरीरिया लक्का (क्रेर) नामक एक छोटी कीट द्वारा उत्पादित किया जाता है।
- यह कीट विशेष रूप से पेड़ों, कुसुम और बियर जैसे पेड़ों की कई प्रजातियां की शुटिंग पर उगाई जाती है।
- खुली क्षेत्र में कई आदिवासी लोगों के लिए खेती का यह कृषि पेशा आय का माध्यमिक स्त्रोत है।
- यह सरकारी सहायता और कई अन्य स्वैच्छिक और गैर सरकारी संगठनों के साथ है कि इस खेती ने एक नया रूप जीवन का एक नया पट्टा लिया है।
प्राचीन सम्बन्ध (Old ties)
- मजुंडा लोगों की परंपरा के मुताबिक छोटा नागपुर महाराजा के राजा मदरा मुंडा के बेटे सेतिया के आठ बेटे थे।
- मद्रास मुंडा के इन आठ महानगरों में से सबसे बड़ा रांची के दक्षिण में चले गए।
- उन्होंने एक खूंटकटी गांव की स्थापना की जिसे उन्होंने खूंटी नाम दिया।
- जब मुंडा पहली बार खूंटी और उसके पड़ोस गए तो उन्होंने असुरस और तिर्किस के क़ब्जे में देश का हिस्सा पाया।
- जब मुंडा अपने देश के साथ शारीरिक रूप से दिखाई देते थे तो असुरस और तिर्किस बहुत डरे हुए थे।
- यह कहा जाता है कि उन समय की मुंडा महिलाएं चमकदार गहने पहनने के लिए इस्तेमाल करती थी जितनी दस सीटों का वजन करती थी और पुरुष वजन कम कर सकते थे कई मण्ड इस दिन मुंडास एक जोड़े को पड़ते हैं जो वर्णन करता है कि कैसे टर्किस ट्राॅप में भाग गए थे जब उन्होंने मुंडास को सूरज में चमकते अपने कई गहने के साथ दृष्टिकोण और नागरा गए।
- एक और कहानी में, ऐसा कहा जाता है कि यह स्थान महाभारत में पौराणिक चरित्र कुंती से अपना नाम प्राप्त हुआ।
- कुंती और उसके बेटों, पांडवों ने इस चौदह वर्ष के नाम के दौरान इस जगह में कुछ समय बिताया था।
- इस प्राचीन सिध्दांत ने खुंती को प्रसिद्ध और महिमा लाया है।
*जिला के प्रमुख पर्यटन स्थल :-
(Main tourist places of the district)
1. अंगराबारी शिव मंदिर
- यह जिले का प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है जो अपने शिव मंदिर के लिए जाना जाता है।
- हर साल सावन के मौसम के दौरान स्थानीय त्योहार एक महीने तक मनाया जाता है।
- महा शिवरात्रि दिवस पर, झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में कई शिष्यों द्वारा मंदिर का दौरा किया जाता है।
- यह जिला मुख्यालय से 9 किमी. दूर खूंटी-तोरपा रोड पर स्थित है।
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हमने इस पोस्ट में जाना कि झारखंड के प्रसिद्ध जिले खूंटी को विस्तार से बताया गया है।। Khunti District of Jharkhand in Hindi !! की पुरी जानकारी हिंदी में अगर आपको मेरा लेख पसंद आया है तो में आपको इस तरह के विषय से संबंधित लेख को आप लोग कमेंट कर सकते हैं...!!
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