भारत का अक्षांशीय विस्तार In Hindi - Indian Geography
अक्षांशीय विस्तार - Indian Geography |
1. भू -पृष्ठ पर विषुवत रेखा (Equator) से उत्तर या दक्षिण दिशा में स्थित किसी भी बिंदु की पृथ्वी के केन्द्र से मापी गई कोणीय दुरी को अंक्षाश कहा जाता है।
2. अक्षांश रेखाएं वह काल्पनिक रेखाएं होती हैं, जो पृथ्वी के चारों और पूर्व से पश्चिम दिशा में विषुवत रेखा के समानांतर खींची जाती है।
3. अक्षांश को अंशों, मिनटों एवं सेकंडों में दर्शाया जाता है।
4. पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटने वाले 0° अक्षांश को भूमध्य रेखा कहा जाता है।
5. विषुवत वृत्त (भूमध्य रेखा) के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध्द और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध्द कहते हैं।
6. भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित अंक्षाश रेखाएं को उत्तरी अक्षांश रेखाएं तथा भूमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित अंक्षाश रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश रेखाएं कहते हैं।
7. यदि अक्षांश रेखाओं को 1° के अन्तराल पर खींचा जाए, तो उत्तरी गोलार्ध्द में 89 अक्षांश रेखाएं तथा दक्षिण गोलार्ध्द में 89 अक्षांश रेखाएं होगी।
8. इस प्रकार विषुवत वृत्त को लेकर अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 179 (89+89+1) होगी। किन्हीं दो समानांतर अक्षांश रेखाओं के मध्य की दुरी 111 किमी. होती है।
9. भू -पृष्ठ पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है, को प्रधान याम्योत्तर रेखा (Greenwich Mean Time) कहा जाता है।
10. यह रेखा लंदन के ग्रीनविच शहर से गुजरती है। प्रधान याम्योत्तर रेखा को 0° देशांतर भी कहा जाता है।
11. प्रधान याम्योत्तर के पूर्व एवं पश्चिम में उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिण ध्रुव को मिलाने वाली काल्पनिक रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहा जाता है।
12. देशांतर रेखाएं समानांतर नहीं होती है।
13. ध्रुवों से विषुवत रेखा की ओर बढ़ने पर देशांतर रेखाओं के मध्य की दुरी बढ़ती जाती है।
14. विषुवत रेखा पर देशांतर रेखाओं के बीच अधिकतम। (111.33 किमी.) दुरी होती है।
15. भारत पूर्णतया उत्तरी गोलार्ध्द में स्थित है।
16. संपूर्ण भारत का अक्षांशीय विस्तार 6°45' उत्तरी अक्षांश से 37°6' उत्तरी अक्षांश के मध्य है।
17. इसकी मुख्यता भूमि 8°4' उत्तरी अक्षांश से 37°6' उत्तरी अक्षांश एवं 68°7' पूर्वी देशांतर से 97°25' पूर्वी देशांतर के मध्य फैली हुई है।
18. उष्णकटिबंध क्षेत्र का विस्तार 23°30' उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांश के मध्य है। अतः भारत का विस्तार उष्ण एवं उपोष्ण दोनों कटिबंधों में है।
19. ध्यातव्य है कि निम्न अक्षांश (0°) से उच्च अक्षांश (90°) की और जाने पर दिन और रात की अवधि में अंतर आता है। और उत्तरी गोलार्ध्द में अक्षांश का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की और, दिन और रात की अवधि पर पड़ता है।
People ask question
Q. अक्षांशीय और देशांन्तरीय विस्तार क्या है?
Ans. पृथ्वी में किसी स्थान की भौगोलिक स्थिति का निर्धारण अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) रेखाओं द्वारा किया जाता है। किसी स्थान का अक्षांश ((Latitude) धरातल पर उस स्थान की "उत्तर से दक्षिण" की स्थिति को तथा किसी स्थान का देशांतर (Longitude) धरातल पर उस स्थान की "पूर्व से पश्चिम" की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
Q. भारत का अक्षांशीय विस्तार कितना है?
Ans. भारत का अक्षांशीय विस्तार 80°4' उत्तरी अक्षांश से 37°6' दक्षिणी अक्षांश के मध्य है।
Q. अक्षांश और देशांतर रेखाएं कितनी होती है?
Ans. अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या (89 (दक्षिण) + 89 उत्तर) + 1 (भूमध्य रेखा) = 179 अक्षांश) है। देशांतर रेखाओं की कुल संख्या 360 है।
Q. भारत में कितने देशांतर है?
Ans. अक्षांशो की कुल संख्या 180 है और देशांतरो की कुल संख्या 360 है।
Q. भारत का सबसे लम्बा देशांतर रेखा कौन सा है?
Ans. भारत का सबसे लम्बा पूर्वी देशांतर 97°25'E है।
पृथ्वी की सतह पर दो बिंदुओं के बीच की दुरी को डिग्री देशांतर में मापा जाता है। भारत का सबसे पूर्वी देशांतर अरूणाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। जबकि सबसे पश्चिमी देशांतर 68°7'E है। यह पूर्व- पश्चिम की विशाल अनुदैर्ध्य सीमा के कारण लगभग 29° पर समाप्त होता है।
Q. अक्षांश रेखा की लम्बाई कितनी होती है?
Ans. सभी अक्षांश रेखाएं समान दूरी (1° के अन्तराल पर लगभग 111 किमी.) पर खींची जाती है।
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